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फर्जी फर्म साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी पर हो सकती है कार्यवाही

सीधी। फेक फर्म बनाकर और फर्जी ढंग से जानकारी देकर रजिस्ट्रेशन हासिल करने वाली फर्म
साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। इसके लिए जीएसटी कार्यालय को अवगत कराकर मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि सीधी जिला मुख्यालय में साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी नाम की एक तथाकथित फर्म संचालित है जिसका पता जीएसटी रजिस्ट्रेशन के मुताबिक बिरला अस्पताल के पीछे दर्शाया गया है लेकिन वास्तविकता यह है कि इस पते पर कोई भी फर्म नहीं पाई गई है वहीं दूसरी ओर इस तथा कथित फर्म के कुछ प्राप्त बिलो में इसका पता हरिजन थाना के पास अर्जुन नगर सीधी और कुछ बिलों में प्रियदर्शनी नगर सीधी लिखा हुआ है जबकि यह फॉर्म अपने ही बताएं किसी भी पते पर उपलब्ध नहीं है। जीएसटी रजिस्ट्रेशन के मुताबिक इस फर्म की संचालक नम्रता मिश्रा है जबकि फर्म के बिलों में लिखा मोबाइल नंबर 9425177373 जीवेन्द्र मिश्रा का है। जीएसटी के वरिष्ठ अधिकारी शशांक प्रिय ने बताया कि कोई भी फर्म जिसने जीएसटी रजिस्ट्रेशन लिया हुआ है उसके लिए आवश्यक है कि वह अपने लिखे हुए पते पर न सिर्फ उपलब्ध हो बल्कि उसके साइन बोर्ड पर फर्म के नाम के साथ-साथ उसका जीएसटी नंबर, प्रोपराइटर का नाम और मोबाइल नंबर भी अंकित होना चाहिए। फर्म या दुकान के अंदर डिस्प्ले पर जीएसटी द्वारा जारी तीन पन्नों का रजिस्ट्रेशन से संबंधित कागज लगा होना चाहिए इतना ही नहीं किसी दुकानदार की दुकान उसकी स्वयं की है तो इसका प्रमाण या फिर किराए की है तो किरायानामा हर फर्म या दुकानदार के पास उपलब्ध होना चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है तो संबंधित फार्म संचालक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के साथ-साथ ₹50000 तक जमाने का भी प्रावधान है। साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी के बिल पर लिखे मोबाइल नंबर पर जब हमने संपर्क किया तो जीवेन्द्र मिश्रा ने कहा कि ” दुकान का पता बदलता रहता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, उन्होंने यह भी कहा कि कलेक्टर और सपा से उनकी बात होती रहती है उनकी पहुंच मंत्री तक है कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता । ” उनका यह कहना शशांक प्रिय द्वारा दी गई जानकारी के ठीक उल्टा है। जीवेन्द्र मिश्रा ने अपनी दुकान का पता अंधियार खोह में बताया लेकिन वहां मौके पर मारुति ट्रेडर्स के नाम से उनके भाई द्वारा हार्डवेयर दुकान का संचालन किया जा रहा है। हमारे द्वारा पूछताछ करने पर मारुति ट्रेडर्स के दो दरवाजा में से एक दरवाजे पर आनन – फानन में साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी का बैनर लगा दिया गया लेकिन कुछ दिनों बाद उसे भी हटा लिया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि साॅई एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी एक फेक फर्म है जो कागजों में संचालित होकर फर्जी दिल बांटने का काम कर रही है । इसके संचालक एक निश्चित कमीशन पर ग्राम पंचायत को फर्जी बिल देने का काम करते हैं अन्यथा लोहा सीमेंट का व्यापार करने वाले को मोटर पंप का बिल काटते हुए आज तक देखा और सुना नहीं गया है । उल्लेखनीय है कि साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी जीएसटी में सीमेंट और चूना पत्थर तथा पेट , वार्निश की बिक्री के लिए रजिस्टर्ड है लेकिन आदिवासी बाहुल्य विकासखंड क्षेत्र कुसमी की चार ग्राम पंचायतों के लिए फर्म ने सीमेंट के अलावा लोहा, गिट्टी, बालू, ईटा और पंप सप्लाई के साथ-साथ अन्य सामग्री के बिल काटकर लगभग 39 लख रुपए के फर्जी बिल काटे हैं जिनका भुगतान पंचायत सचिव रामभद्र शुक्ल द्वारा किया गया है।

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